शुक्रवार, 23 मार्च 2007

ब्लौगिन्ग नियमावली उर्फ़ धमकावली

भई हाल ही मे ब्लाग पर पत्रकारो के आने से हलचल हुई और ब्लागिन्ग पर बहुत कुछ व्यन्ग्य के माध्यम से लिखा गया। इसे उसी की कडी समझिये। यह भी देखा गया कि मुहावरो और व्यन्ग्य कथनो का भी लोगो ने गलत मतलब निकाला। इससे व्यन्ग्य को समझने की कुछ लोगो की समझ पर भरोसा नही है।फिर भी खतरा उठा रहे है। कही कोई नादानी मे सहार न कर दे।खैर , इस सबरे प्रकरण से हमने यह जाना कि कोई आचार सम्हिता ना होते हुए भी एक अप्रकट किस्म की नियमावली{धमकावली} विद्यमान है। जिसके कुछ अन्श हमारी समझ मे आ गये है।जब कभी भविष्य मे कोई चिट्ठाशास्त्र रचा जाए तो इन नियमो{धमकियो} को भी ज़रा देख ले ।
१. एक परिवार से एक ही व्यक्ति ब्लौगिन्ग कर सकता है।
२.एक परिवार से एक से अधिक व्यक्ति ब्लौगिन्ग करे तो भी केवल एक ही रजिस्टर कर सकता है।
३. यदि एक परिवार के एकाधिक व्यक्ति ब्लौगिन्ग करे तो उन्हे अपने सम्बन्धो की पूर्व घोषणा करनी होगी और रिश्तो का ब्यौरा अनिवार्यत: देना होगा।
४. ऐसा ना करने की स्थिति मे, ध्यान रखे, आपकी जासूसी की जायेगी और आपकी सारी निजी जानकारी{पोल-पट्टी खोल कर या मुखौटा नोच कर} आनलाइन प्रकाशित कर दी जायेगी।
५. परिवार के सदस्यो के एकमत होने पर उसे गैन्गबाज़ी माना जाएगा।
६. एक सदस्य की सहमति - असहमति सबकी सहमति-असहमति मानी जाएगी।
७. बिना मुखौटो वाला ,पारिवारिक चित्र डाला जाए ।
८. ब्लागिन्ग के सेल्फ़स्टाइल्ड योद्धाओ की चरन- पादुकाओ से अपने ब्लाग को सुसज्जित अवश्य करे और नयी पोस्ट डालने से पहले सुनिश्चित कर ले.कि उनकी वन्दना कर ली गई है। जल्दी करे, ऐसी पादुकाए एक दो ही है ।
९. उनपर टिप्पणी करने से पहले किसी आनलाइन या अन्य सन्चार माध्यम से विचार -विमर्श अवश्य कर ले।
१०. एक परिवार के सदस्य न होने के बावजूद भी यदी आपके विचार मिलते हुए पाए गये गये तो आपको एक ही परिवार का मान लिया जाएगा।
ये नियम अन्तिम नही है । इस पोस्ट पर मिलने वाले सुझावो ,टिप्पणियो{ और धमकियो} के आधार पर इनमे परिवर्तन और सशोधन होता रहेगा।

2 टिप्‍पणियां:

योगेश समदर्शी ने कहा…

बढिया प्रसंग है भैय्या.!

बेनामी ने कहा…

gooD :)

Arisudan Sharma

मै एक इन्डीविजुअल